| Shlok Name

Shlok Name From First Char | Shlok Name from Any Char | No. of Records                          Print | Print Full

पृथक्त्वेन तु यज् ज्ञानं...विद्धि राजसम्... ........  भगवद्गीता (18।21 )  

पृथक्त्वेन तु यद् ज्ञानम् ........  भगवद्गीता (18।21 )  

पृथक्सत्रेण वा मह्यं... ........  भागवतपुराण (11।29।11 )  

पृथिवी दीक्षा...दीक्षमाणम् ........  तैत्तिरीयब्राह्मण (3।7।7।4-7 )  

पृथिव्याएव भेदोऽयं तमस्स्याद्...विदुः... ........  मानमेयरहस्यश्लोकवार्तिक (21 )  

पृथिव्यापस्तेजोवायुराकाशिमति भूतानि... ........  गौतमन्यायसूत्र (1।1।13 )  

पृष्ठे तु पद्मनाभं च... ........  पद्मपुराणोत्तरखण्ड (226।47।1-2 )  

पोषणं तदनुग्रहः ... ........  भागवतपुराण (2।10।4 )  

पौरुषेण च सूक्तेन... ........  स्मृतिसारसमुच्चय (। )  

पौष्णसावित्रसौम्याः च... ........  शौनकीयबृहद्देवता (4।125 )  

प्रउंग शंसति ........  शामायनब्राह्मण (1।4।4 )  

प्रकाशवत् च अवैयर्थ्यात् ... ........  ब्रह्मसूत्र (3।2।15 )  

प्रकाशाश्रय... ........  ब्रह्मसूत्र (3।2।18 )  

प्रकाशाश्रयवद्वा तेजस्त्वाद् ... ........  ब्रह्मसूत्र (3।2।28 )  

प्रकृति पुरुषं चेव ........  भगवद्गीता (13।19 )  

प्रकृतिः पुरुषश्चोभौ ........  तत्त्वार्थदीपनिबन्ध (2।98 )  

प्रकृति: च प्रतिज्ञादृष्टान्तानुपरोधाद् ... ........  ब्रह्मसूत्र (1।4।23 )  

प्रकृतिप्रत्ययौ सहार्थं ब्रूतः ः ... ........  पातञ्जलमहाभाष्य (1।2।64 )  

प्रकृतिर्हि अस्य उपादानम्...अहम्... ........  भागवतपुराण (11।24।19 )  

प्रकृतिर्ह्यस्योपादानम् ........  भागवतपुराण (11।24।19 )  

1 3 4 5 6 7 22