February 2010

Dear Vaishnav! Now onwards in Ezine, the sections of book Chatursloki written by Shri Shyammanoharji will be provided. This book is written on Shri Vallabhacharya’s Chatursloki granth of Shodash Granth. Through the practice of dharma, we attempt to direct our lives...

December 2011

श्रीगुसांईजी जन्म उत्सव कैसे कहा जा सकता है कि कृपा यह परमात्मा स्वभाव है या सामर्थ्य, या इन दोनों से भिन्न एक अकस्मात् उठी तरंग ही ! क्या स्वयमेव परमात्मा जानता होगा कि वह क्यों किसी पर कृपा करता है और क्यों किसी पर नहीँ ? या कहीं ऎसा तो नहीं कि वह स्वयम् ही इस कृपा...

September 2011

NAVRATRI वे किसकी सेवा स्वीकारेंगे और किसकी नही यह कैसे निश्चित किया जा सकता है ? कैसे कोई सिद्धान्तहम भगवान् के बारे में बांध सकते है ? और हमारे बांधे हुए सिद्धान्तों के बन्धन में भगवान कितने बंधपायेंगे ? हमारी इस क्षुद्र बुद्धि से धड़े गए सिद्धन्तों की सीमा में यदि...

October 2011

Sharad Purnima !! ब्रह्मसम्बन्ध दीक्षा की आवश्यकता फिर भी पुष्टिमार्ग में ब्रह्मसम्बन्ध दीक्षा को आवश्यक माना गया है . अतः ‘भगवत् सेवा का अधिकार ब्रह्मसम्बन्ध दीक्षा के बिना प्राप्त नहीं होता’ यह भी कहा जाता है . बात वह कैसी अटपटी लगती है ! है न ? कुछ स्पष्टता यहाँ...

August 2011

हरेर्दास्यं धर्मः उस रोज मंदिर में हुई सभा में एक भाई नें प्रश्न रखा था कि ‘ब्रह्म सम्बन्ध दीक्षा लिए बिना यदि कोई भगवत्सेवा करता हो तो क्या ऎसी सेवा भगवान् स्वीकार नहीं करेंगे ?’ मैंने उत्तर दिया था कि ‘आप सेवा करते हो’ इस पर उन्होंने पुनः प्रश्न पूछा कि ‘इसका मतलब...

July 2011

जो मोक्ष को भी एक झंझट मानकर केवल भक्ति ही निरंतर करते रहना चाहते हों उन्हें पुष्टिभक्त समझना चाहिए. अतएव वृत्रासुर कहता हैः न नाकपृष्ठं न च पारमेठयम्                                             न सार्वभौमं न रसाधिपत्यम् ।                                             न...