| Shlok Name

Shlok Name From First Char | Shlok Name from Any Char | No. of Records                          Print | Print Full

ब्रह्म वेद् ब्रह्मैव भवति... ........  मुण्डकोपनिषद् (2।2।9 )  

ब्रह्म वै बृहस्पतिः... ........  शतपथब्राह्मण (3।9।1।14 )  

ब्रह्म हत्या... पातकानि... ........  मनुस्मृति (11।45 )  

ब्रह्मक्षत्रियविट्शूद्राः... ........  याज्ञवल्क्यस्मृति (1।2।10 )  

ब्रह्मचर्येणर्षिभ्यः ........  तैत्तिरीयसंहिता (6।3।10 )  

ब्रह्मणि अशब्दवाच्ये स्याद् ... ........  शतदूषणीचण्डमारुत (45 )  

ब्रह्मणे ब्राह्मणम् आलभते... ........  तैत्तिरीयब्राह्मण (3।4।1।1 )  

ब्रह्मणो निर्विशेषत्वम् इति... ........  न्यायसिद्धाञ्जन (3।43 )  

ब्रह्मणो मानसा पुत्राः ........  महाभारतादिपर्व (59।10 )  

ब्रह्मत्वम् औपचारिकम्... ........  श्रीकरभाष्य (2।1।21 )  

ब्रह्मरूपं जगद ज्ञातव्यं जगतो व्यतिरिच्यते ........  भागवत सुबोधिनी (2।9।35 )  

ब्रह्मवर्चस्कामस्तु... ........  भागवतपुराण (2।3।2 )  

ब्रह्मवा इदम् अग्रे...प्रतिपेदे... ........  बृहदारण्यकोपनिषद् (1।4।10 )  

ब्रह्मविदाप्नोति परंतदेषा अभ्युक्ता ........  तैत्तिरीयोपनिषद् (2।1 )  

ब्रह्मसम्बन्धकरणात् सर्वेषां देहजीवयो: ........  सिद्धान्तरहस्य (2 )  

ब्रह्मा देवानां प्रथमः सम्बभूव... ........  मुण्डकोपनिषद् (1।1।1 )  

ब्रह्मा लोकपितामहः...मानसीः... ........  भागवतपुराण (3।10।1 )  

ब्रह्माननः क्षत्रभुजः ........  भागवतपुराण (2।1।37 )  

ब्रह्मानन्दे प्रविष्टानाम् आत्मनैव सुखप्रमा ........  तत्त्वार्थदीपनिबन्ध (1।50-51 )  

ब्रह्मानन्दे प्रविष्टानाम् न भक्तिविलास ........  भागवत सुबोधिनी (10।26।39 )  

1 10 11 12 13 14 22