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आविर्भावः स्वेच्छया भक्त्या... ........  भागवत सुबोधिनी (10|26|13 )  

आविर्भावदिने न येन गणितो... ........  श्रीरूपगोस्वामिसंगृहीतपद्यावली ( )  

आविर्भावस्तु सम्भवः... ........  भागवतपुराण (3|31|44 )  

आविर्भूतस्वरूपा निरवधिकसुखब्रह्मभुक्तिस्तु मुक्तिः ........  तत्त्वमुक्ताकलापः (2|64 )  

आवेशो ज्ञानचिकीर्षाप्रयत्नवतः संयोगः... ........  न्यायकुसुमाञ्जलौ स्तब. (5 )  

आश्रयत्वविषयत्वभागिनी... ........  संक्षेपशारिरक (1|319 )  

आश्रावयेति चतुरक्षरमस्तु... ........  तैत्तिरीयसंहिता (1|6|11|1 )  

आश्रीयमाणो गुणो भेदको भवति... ........  पातञ्जलमहाभाष्य (1|1|3|1 )  

आषोडशाद् द्वाविंशात् च... ........  याज्ञवल्क्यस्मृति (1|2|37-38 )  

आसक्तौ भगवानेव... ........  पुष्टिप्रवाहमर्यादा (18 )  

आसीज् ज्ञानम् अथो ह्यर्थः...अभिधीयते... ........  भागवतपुराण (11|24|2 )  

आसीनम् ऊर्व्यां भगवन्तम् आद्यम्... ........  भागवतपुराण (3|8|3 )  

आसीनो दूरं व्रजति शयानो याति सर्वतः ........  कठोपनिषद् (2|21 )  

आसुरं पार्थम् मे शृणु... ........  भगवद्गीता (16|6 )  

आस्वादयन्ति भुञ्जानाः... ........  भरतनाट्यशास्त्र (6|32-34 )  

आह कोयम् अध्यासो नामेति...पूर्वदृष्टावभासः... ........  ब्रह्मसूत्रशामरभाष्य (1|1|1 )  

आह च तन्मात्रम् ... ........  ब्रह्मसूत्र (3|2|16 )  

आहारशुद्धौ सत्त्वशुद्धिः... ........  छान्दोग्योपनिषद् (7|26|2 )  

आहिताग्निमग्निभिर्दहन्तियज्ञपात्रैश्च ........  मीमांसाकोष (पृ.1021 )  

ईक्षतेः न अशब्दम् ... ........  ब्रह्मसूत्र (1|1|4 )  

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