ज्ञानी प्रियतमो अतो मे... ........ भागवतपुराण (11।19।3 )
ज्ञानीतु आत्मैव मे मतम्... ........ भगवद्गीता (7।10 )
ज्योतिष्टोमेन स्वर्गकामो यजेत ........ आपस्तम्बश्रौतसूत्र (102।1 )
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