| Shlok Name

Shlok Name From First Char | Shlok Name from Any Char | No. of Records                          Print | Print Full

स्त्रीभावो गूढः पुष्टिमार्गे तत्त्वमिति "कृष्णमपदार्थः ........  भागवत सुबोधिनी (10।18।5 )  

स्त्रीशूद्रद्विजबन्धूनां... ........  भागवतपुराण (1।4।25 )  

स्त्रीषु अनन्तरजातासु... ........  मनुस्मृति (10।6 )  

स्त्र्यऽपराधात् कर्तुश्च पुत्रदर्शनम्... ........  जैमिनीयपूर्वमीमांसासूत्र (1।2।13 )  

स्थायी भावो रसः स्मृतः ... ........  भरतनाट्यशास्त्र (7।8 )  

स्थिरबुद्धिरसंमूढः ........  भगवद्गीता (5।20 )  

स्नत्यज्य सर्वविषयान्... ........  भागवतपुराण (10।26।32 )  

स्नपनं त्वविलेप्यायाम्... ........  भागवतपुराण (11।27।14-46 )  

स्नात्वा पुण्ड्रं मृदा कुर्याद्... ........  धर्मप्रवृत्ति (। । )  

स्नेहाद वश्यो भवेद ध्रुवम ........  तत्त्वार्थदीपनिबन्ध (3।6।11 )  

स्फुटं चमत्कारितया... ........  साहित्यदर्पण (3।251 )  

स्फुटमधुरपदं हि कंसहन्तुः... ........  स्कन्दपुराण द्वितीयोत्कलखण्ड (11।113 )  

स्मर्तव्यः सततं विष्णुः... ........  पद्मपुराणोत्तरखण्ड (7।71।140 )  

स्मृतिप्रत्यक्षमैतिह्यम् ........  तैत्तिरीयारण्यक (1।2।1 )  

स्मृतिलम्भे सर्वग्रन्थिनां विप्रमोक्षः ........  छान्दोग्योपनिषद् (7।26।2 )  

स्याद् अस्ति...अवक्तव्यञ्च... ........  स्याद्वादमञ्जर्या ( )  

स्याद् माया शाम्बरी कृपा दम्भो बुद्धिः च... ........  अनेकार्थकोश ( )  

स्रुवं सम्मार्ष्टि ........  तैत्तिरीयब्राह्मण (3।3।1 )  

स्वकर्मणा जंगमत्वं... ........  ब्रह्मवैवर्तपुराणस्थद्वितीयखण्ड (24।23-24 )  

स्वतन्त्र: कर्ता... ........  पाणिनिसूत्र (1।4।54 )  

1 130 131 132 133 134 135