| Shlok Name

Shlok Name From First Char | Shlok Name from Any Char | No. of Records                          Print | Print Full

ब्राह्मणार्थो यथा नास्ति ........  वाक्यपदीय (2।14 )  

ब्राह्मण्यं काचिद् देवता... ........  भागवत सुबोधिनी (2।1।37 )  

ब्राह्मण्यं न जातिः... ........  भागवत सुबोधिनी (2।1।38 )  

ब्राह्मण्यं समनुप्राप्तं... ........  ब्रह्माण्डपुराण (2।3।66।77 )  

ब्राह्मण्यां ब्राह्मणाद् जातः... ........  देवलस्मृति (। )  

भक्तानां दुःखनाशाय कृष्णावतरणं मतम् ........  भागवत सुबोधिनी (10।1।17 )  

भक्तानाम् अनुग्रहार्थमेव भक्तसमानरूपं देहम् आस्थित: ........  भागवत सुबोधिनी (10।30।37 )  

भक्तिः अस्य भजनं तद् ... ........  गोपालपूर्वतापनीयोपनिषद् (1।3 )  

भक्तिः अस्य भजनं तद् इह अमुत्र... ........  गोपालपूर्वतापनीयोपनिषद् (1।3 )  

भक्तिः त्वयि उपयुज्येत... ........  भागवतपुराण (11।11।26 )  

भक्ति: चेत् स्वानुभावं न प्रकाशयते यदा ........  तत्त्वार्थदीपनिबन्ध (3।9।27-28 )  

भक्तिमार्गं प्रकटीकुर्वन् सामान्यतो... ........  भागवत सुबोधिनी (10।24।10-11 )  

भक्तिमार्गीयभजनप्रकारेषु... ........  भक्तिहंस ( )  

भक्तियोगः पुरैव उक्तः... ........  भागवतपुराण (11।11।19 )  

भक्तियोगो बहुविधो... ........  भागवतपुराण (3।29।7 )  

भक्तिस्तु विहिता अविहिता... ........  ब्रह्मसूत्राणुभाष्य (3।3।39 )  

भक्तेः च शुद्धतासिद्ध्यै प्रपञ्चाद्... ........  तत्त्वार्थदीपनिबन्ध (3।10।17-18 )  

भक्त्या अहम् एकया ग्राह्यः... ........  भागवतपुराण (11।14।21 )  

भक्त्या तुतोष भगवान् ........  भागवतपुराण (7।9।9 )  

भक्त्या त्वनन्यया शक्यः ........  भगवद्गीता (11।54 )  

1 81 82 83 84 85 135